
भारत में आधार (Aadhaar) कार्ड की डिज़ाइन और उपयोग प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) एक नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसमें फिज़िकल आधार कार्ड पर सिर्फ फोटो और एक एन्क्रिप्टेड QR कोड होगा, बाकी व्यक्तिगत जानकारियाँ हटाई जाएंगी। यह कदम गोपनीयता बढ़ाने, गलत उपयोग (misuse) कम करने और डिजिटल सत्यापन (authentication) को सुरक्षित बनाने की दिशा में है। आइए विस्तार से जानें कि ये प्रस्ताव क्या है, क्यों लाया जा रहा है और आम लोगों पर इसका क्या असर होगा।
प्रस्तावित redesign: प्रमुख बिंदु
- केवल फोटो और QR कोड
- UIDAI अभी जिस आधार कार्ड को जारी करता है, उसमें नाम, पता, जन्म तिथि (Date of Birth), जेंडर आदि जैसी जानकारियाँ प्रिंट होती हैं।
- प्रस्तावित बदलाव में ये सारी printed जानकारियाँ हटा दी जाएंगी और कार्ड पर सिर्फ कार्डधारी की फोटो और QR कोड रहेगा।
- एन्क्रिप्टेड QR कोड
- नया QR कोड एन्क्रिप्टेड होगा, जिसमें जरूरी डेटा डिजिटल रूप में सुरक्षित रहेगा।
- जब कोई अधिकृत संस्थान (verifier) स्कैन करेगा, तो केवल जरूरी सत्यापित जानकारी ही शेयर होगी, न कि पूरा Aadhaar नंबर।
- “Authentication Tool” के रूप में आधार
- UIDAI का कहना है कि आधार कार्ड को पहचान (identity document) के रूप में नहीं, बल्कि authentication के टूल के रूप में उपयोग करना चाहिए।
- इससे फर्जी दस्तावेजों (fake documents) का खतरा भी कम होगा क्योंकि printed विवरणों पर भरोसा करना सुरक्षित नहीं माना जाएगा।
बदलाव की वजहें (रिशनल)
UIDAI द्वारा इस redesign का प्रस्ताव रखने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- डेटा मिसयूज को रोकना
बहुत सी संस्थाएँ (जैसे होटल, इवेंट ऑर्गनाइज़र आदि) अभी भी आधार कार्ड की फ़ोटोकॉपी मांगती और स्टोर करती हैं। UIDAI का तर्क है कि यदि कार्ड पर सिर्फ फोटो और QR होगा, तो लोग कार्ड की कॉपी लेना और स्टोर करना कम करेंगे। - Aadhaar Act का पालन
आधार अधिनियम (Aadhaar Act) स्पष्ट रूप से कहता है कि जानबूझकर पूर्ण आधार नंबर या बायोमेट्रिक डेटा ऑफ़लाइन सत्यापन (offline verification) के लिए एकत्र, उपयोग या स्टोर नहीं किया जाना चाहिए। - गोपनीयता (Privacy) की रक्षा
एन्क्रिप्टेड QR कोड में डेटा छिपा रहेगा और अनधिकृत व्यक्तियों को नहीं दिखेगा, जिससे यूज़र की गोपनीयता बेहतर तरीके से संरक्षित होगी। - उम्र सत्यापन (Age Verification) को मजबूत करना
नई प्रणाली विशेष रूप से उम्र की पुष्टि (age verification) को आसान बनाएगी, जिसे नई Aadhaar ऐप के ज़रिए और भी सुरक्षित किया जाएगा।
नया Aadhaar ऐप: फीचर्स और फायदे
UIDAI केवल कार्ड डिज़ाइन बदलने की बात नहीं कर रही है, बल्कि नई डिजिटल ऐप भी ला रही है जो पुराने mAadhaar ऐप की जगह लेगी। इसका मकसद अधिक सुरक्षित और यूज़र-केंद्रित सत्यापन अनुभव देना है। यहाँ इसके कुछ प्रमुख फीचर्स हैं:
- QR-आधारित सत्यापन + फेस रिकग्निशन
ऐप में QR कोड को स्कैन करके पहचान की जाएगी और इसके साथ फेस मैचिंग (face recognition) की सुविधा भी होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जाए कि वही व्यक्ति है जो कार्ड का मालिक है। - सेल्फ-सेलेक्टिव डेटा शेयरिंग
यूज़र अपनी मर्जी से यह चुन सकेंगे कि कौन सी जानकारी शेयर करें — पूरी जानकारी या सीमित जानकारी (masked)। - परिवार प्रोफाइल
एक ही डिवाइस पर 5 परिवार सदस्यों तक के आधार प्रोफाइल जोड़ने की सुविधा होगी। - बायोमेट्रिक लॉक / अनलॉक
ऐप में बायोमेट्रिक डेटा (जैसे फिंगरप्रिंट) को लॉक या अनलॉक करने का विकल्प होगा, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी। - घर बैठे अपडेट
नवंबर 2025 से आधार करने वालों के लिए नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि जैसी जानकारी घर बैठे ही अपडेट की जा सकेगी (बायोमेट्रिक्स को छोड़कर)।
प्रस्तावित नियमों पर समय-रूपरेखा (Timeline)
- 1 दिसंबर 2025: यह प्रस्ताव UIDAI के नेतृत्व में विचार के लिए रखा जाना है।
- नए ऐप का रोल-आउट: नई ऐप पहले बीटा (beta) चरण में है, और इसे कुछ उपयोगकर्ताओं के लिए लॉन्च किया गया है।
- ऑनलाइन अपडेट की सुविधा: नवंबर 2025 से कुछ आधार अपडेट्स (नाम, पता, जनम तिथि, मोबाइल नंबर) ऑनलाइन किए जा सकेंगे।
यूज़र्स पर असर — फायदे और चुनौतियाँ
फायदे:
- आधार की फ़िज़िकल कॉपी देने की ज़रूरत कम होगी — सुरक्षा बढ़ेगी।
- पहचान सत्यापन (verification) ज़्यादा सुरक्षित होगा क्योंकि QR कोड एन्क्रिप्टेड होगा।
- बायोमेट्रिक्स लॉक-अनलॉक जैसी सुविधा से यूज़र को कंट्रोल मिलेगा।
- डिजिटल अपडेट से समय और मेहनत की बचत होगी।
चुनौतियाँ:
- कुछ सेवा-प्रदाता (जैसे पुराने होटल या छोटे संस्थान) QR-स्कैनिंग सिस्टम में तेजी से अपडेट न कर सकें।
- तकनीकी रूप से कमजोर क्षेत्रों में लोगों के लिए स्मार्टफोन + ऐप का उपयोग मुश्किल हो सकता है।
- अगर कोई QR कोड स्कैनिंग डिवाइस नहीं है, तो कार्ड उपयोगिता सीमित हो सकती है।
- डेटा सुरक्षा का भरोसा तभी मजबूत होगा जब एन्क्रिप्शन और सर्वर-साइड ऑथेंटिकेशन ठीक से काम करें।
निष्कर्ष
UIDAI का यह प्रस्ताव एक बेहद संवेदनशील लेकिन महत्वपूर्ण कदम है — यह न सिर्फ आधार कार्ड की डिज़ाइन को बदलने का है, बल्कि भारत में पहचान सत्यापन के तरीके को पूरी तरह से डिजिटल और गोपनीय बनाने की दिशा में है। यदि यह लागू हो जाता है, तो यह misuse को काफी कम कर सकता है और यूज़र्स की पहचान सुरक्षा (identity security) में बड़ी छलांग हो सकती है।
हालाँकि, इसे सभी प्राविधिक हिस्सों में ठोस तरीके से लागू करना होगा — जैसे QR स्कैनर्स का व्यापक उपयोग, ऐप का भरोसेमंद व निर्बाध संचालन, और यूज़र्स को नए बदलावों की समझ देना।






