उत्तर प्रदेश हो गया है ‘Startup Powerhouse’ — जानिए कैसे और क्यों! 🚀

Uttar Pradesh emerging as a startup powerhouse with 18,500 startups and strong women-led entrepreneurship
UP is rapidly becoming a leading startup hub with 18,500+ ventures and strong women-led innovation.

उत्तर प्रदेश (UP) ने हाल-हाली में अपनी पहचान बदली है — एक पारंपरिक कृषि और औद्योगिक राज्य से अब वह तेजी से भारत के प्रमुख स्टार्टअप हबों में से एक बन गया है। 2025 की ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि राज्य में कुल 18,568 सक्रिय स्टार्टअप्स काम कर रही हैं, जिनमें से लगभग 8,000 महिलाएँ नेतृत्व कर रही हैं

नीचे जानिए कैसे ये रूपांतरण हुआ — और किन-किन कारणों से UP अब स्टार्टअप्स की नगरी बन रहा है।


🔑 UP में Startup Boom — प्रमुख वजहें

1. सशक्त राज्य-नीति और स्पेशल स्कीम्स

  • राज्य की Uttar Pradesh Startup Policy 2020 (और 2022 में संशोधित) ने स्टार्टअप्स को मिलने वाली सहूलियतों की एक पूरी रूपरेखा तैयार की है।
  • इस नीति के अंतर्गत:
    • प्रति स्टार्टअप ₹17,500 प्रति माह तक sustainance allowance मिलता है।
    • Minimum Viable Product (MVP) तैयार करने के लिए ₹5 लाख तक prototype grant
    • मार्केट में लॉन्च के लिए Seed Capital / Marketing Assistance ₹7.5 लाख तक
    • पेटेंट कराने पर लागत (भारत या अंतरराष्ट्रीय) लौटाने (reimbursement) की सुविधा।
    • महिलाओं, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग सह-संस्थापकों वाले स्टार्टअप्स को अतिरिक्त 50% incentive
    • कार्यक्रमों (राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय) में भाग लेने पर खर्च का हिस्सा (₹50,000–₹1,00,000) लौटाने की सुविधा।
  • इसके अलावा, राज्य सरकार का लक्ष्य है कि UP जल्दी से देश के टॉप 3 स्टार्टअप-स्टेट्स में शामिल हो जाए।

🏢 Incubation नेटवर्क और Infrastructure का विस्तार

  • UP में incubators, innovation hubs, centres of excellence (CoEs) आदि की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई technical colleges, management institutes और R&D संस्थान incubator के रूप में काम कर रहे हैं।
  • राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक जिला (75 जिलों) में कम-से-कम एक incubator हो — ताकि युवाओं को स्थानीय स्तर पर सहायता मिल सके।
  • सिर्फ incubator-space ही नहीं — अब UP में IT parks, CoEs (AI/ML, drones, MedTech आदि), बेहतर connectivity (सड़क, रेल, हवाई, लॉजिस्टिक नेटवर्क) तैयार किए जा रहे हैं — जिससे start-ups का foundation मजबूत बनता है।

👩‍💼 महिलाओं का उद्यमी बनने की ओर रुझान

  • रिपोर्ट्स कहती हैं कि UP में सिर्फ पुरुषों ही नहीं, बल्कि महिलाओं ने भी स्टार्टअप्स में जोरदार कदम रखा है। अब तक करीब 8,000 महिलाएँ स्टार्टअप चलाती हैं।
  • पहले, 2024 में भी डेटा दिखाता था कि कुल स्टार्टअप्स में से आधे से ज़्यादा महिला-नेतृत्व वाले थे (लगभग 6,812)।
  • महिलाओं को विशेष प्रकार के incentives — financial support, subsidised seed fund, incubator में seats, patent-grant benefits आदि — दिए जाते हैं।
  • यह पहल न सिर्फ आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक समावेश (social inclusion) के लिहाज़ से भी महत्वपूर्ण है — जिससे महिलाओं के लिए entrepreneurship और बिजनेस करने का रास्ता खुल रहा है।

📈 कौन-कौन से सेक्टर्स तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं

  • शुरुआत में IT / ITES स्टार्टअप्स प्रमुख थे — लेकिन अब UP का ecosystem काफी diversify हो चुका है।
  • आज यहां कई agri-tech, fintech, e-commerce, AI / ML, drone, MedTech, even emerging कर्म क्षेत्र जैसे EV manufacturing, blockchain, additive manufacturing में काम हो रहा है।
  • राज्य सरकार ने साफ़ दिशा दी है कि research और innovation को market तक लाया जाए — “lab to land / lab to industry” पर जोर है।

🌎 UP का भारत और देश के Startup Map में बदलता रोल

  • अब UP को माना जाता है कि वह देश के उन प्रमुख स्टार्टअप-हबों में से एक बन चुका है — महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे राज्यों के मुकाबले।
  • राज्य सरकार ने 100 incubators, 1 million+ sq ft incubation space, 8 centres of excellence स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
  • UP का विज़न है कि युवाओं को “job-seekers” से “job-creators” बने — जिससे न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि नवाचार (innovation), आर्थिक विकास और सामाजिक upliftment भी होगा।

✅ चुनौतियाँ और क्या देखना होगा

हालाँकि UP का startup ecosystem तेजी से बढ़ रहा है, फिर भी कुछ बातों पर ध्यान चाहिए:

  • जितनी संख्या में startups登録 हो रहे हैं, क्या उनमें से सभी सफल होंगे — यह तय नहीं है। कई startups failure या बंद हो सकते हैं। (यह समस्या पूरे भारत में है।)
  • incubators, infra, mentoring जहाँ तक पहुंचे हैं — लेकिन हर जिला में समान स्तर की सुविधा, निवेश, skilled manpower और markets उपलब्ध कराने की ज़रूरत है।
  • विशेष रूप से महिला-entrepreneurs के लिए सांस्कृतिक, सामाजिक बाधाएँ और बिजनेस चलाने में जोखिम आदि चुनौती बने रह सकते हैं — जिन्हें राज्य और समाज दोनों को मिलकर हल करना होगा।

🔚 निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश अब सिर्फ खेती-किसानी और पारंपरिक उद्योगों वाला राज्य नहीं रहा। अपने सशक्त नीति-सहयोग, incubation नेटवर्क, आधुनिक infrastructure और सामाजिक समावेश (विशेष रूप से महिलाओं को प्रोत्साहित कर) की वजह से UP भारत के प्रमुख स्टार्टअप-हब के रूप में उभरा है।

अगर यह प्रगति इसी तरह जारी रही — निवेश, समर्थन और सकारात्मक सोच बनी रही — तो आने वाले कुछ सालों में UP न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी startup और innovation की नयी पहचान बना सकता है।

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